27 February 2016

SAT में हुए कई बड़े बदलाव, एप्टीट्यूड टेस्ट कंप्यूटर बेस्ड भी होगा

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यूएस सहित अन्य 170 देशों में स्कॉलिस्टिक एप्टीट्यूड टेस्ट (सेट) का स्कोर अंडरग्रैजुएट कोर्सेस में एडमिशन के लिए स्वीकार किया जाता है। हर साल बहुत से स्टूडेंट्स इसमें हिस्सा लेते हैं। इस साल से सेट में कई बड़े बदलाव हुए हैं। कुछ बदलाव स्टूडेंट्स को काफी पसंद आएंगे, मसलन इस टेस्ट से निगेटिव मार्किंग खत्म कर दी गई है।
मल्टीपल चॉइस में पांच विकल्पों की जगह अब सिर्फ चार विकल्प दिए जाएंगे, ताकि जवाब के सिलेक्शन में आसानी रहे। इस स्कोर के जरिए येल यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, प्रिंसटन यूनिवर्सिटी, वाशिंगटन यूनिवर्सिटी सहित कई अन्य यूनिवर्सिटी में दाखिला मिलता है। अब तक यह टेस्ट पेपर-पेंसिल आधारित था, लेकिन अब साल 2016 में कंप्यूटर बेस्ड भी होगा। यानी स्टूडेंट्स के पास दोनों विकल्प हैं।

ट्रिगनोमेट्री भी शामिल

पहले इस टेस्ट में तीन सेक्शन होते थे, जिसमें मैथ्स, क्रिटिकल रीडिंग और राइटिंग स्किल्स शामिल थीं। नए सेट में दो सेक्शन हैं, एक मैथ्स और दूसरा रीडिंग एंड राइटिंग। टेस्ट में अब सेंटेंस कॉम्पिलिशन की बजाए मल्टीपल मीनिंग वर्ड पर फोकस रहेगा। मैथ्स में अब ट्रिगनोमेट्री भी होगी। कैलकुलेटर का इस्तेमाल मैथ्स के दो सेक्शन में ही होगा। पहले 200 अंकों के पेपर में 174 सवाल होते थे। अब 180 अंक का पेपर और 154 सवाल होंगे।
नए सेट में बदलाव
-सेक्शन 2 सेक्शन (मैथ्स और एविडेंस-बेस्ड रीडिंग एंड राइटिंग)
-स्कोरिंग स्कोर स्केल 400-1600
-टेस्ट का समय 3 घंटे, 50 मिनट (अतिरिक्त निबंध के साथ)
-आंसर चॉइस चार विकल्प प्रति सवाल
-गलत पर पैनाल्टी कोई पैनाल्टी नहीं
-फॉर्मेट ऑफ टेस्ट पेपर पेंसिल और कंप्यूटर बेस्ड दोनों विकल्प

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